2025-01-25T09:07:00 Future University
कैंसर हमारे समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है, जो वैश्विक स्तर पर लाखों जीवन को प्रभावित करता है। आधुनिक चिकित्सा ने इसके उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन आज कई लोग इस रोग से लड़ने के लिए देश की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं। संतुलन और प्राकृतिक उपचार के सिद्धांतों पर आधारित आयुर्वेद न केवल शरीर, बल्कि मन और आत्मा को भी संबोधित करने वाला एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
आयुर्वेद कैंसर को शरीर के दोषों-वात, पित्त और कफ में असंतुलन और विषाक्त पदार्थों (आम) के संचय के रूप में देखता है। इसके अनुसार, ये असंतुलन शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को कमजोर कर सकते हैं, जिसमें रोग होने की संभावना बढ जाती है । व्यक्तिगत चिकित्सा, आहार संबंधी सिफारिशों और औषधीय जड़ी बूटियों के उपयोग के माध्यम से, आयुर्वेद संतुलन बहाल करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास करता है, जो कैंसर की रोकथाम और प्रबंधन में महत्वपूर्ण हो सकता है।
रोग की रोकथाम आयुर्वेद का एक प्रमुख स्तंभ है, जिसमें अनुशासित जीवनशैली और शरीर के प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए डिटाक्सिफिकेशन पर जोर दिया जाता है। योग, ध्यान और पंचकर्म जैसी प्रक्रियाएं तनाव को कम करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए प्रभावी उपाय हैं। इसके अलावा हल्दी, अश्वगंधा और तुलसी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां अपने सूजनरोधी और प्रतिरक्षा वर्धक गुणों के लिए जानी जाती है। उदाहरण के लिए, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने की क्षमता के लिए शोध में प्रभावी पाया गया है।
जिन लोगों का पारंपरिक कैंसर उपचार, जैसे कि कीमोथेरेपी या रेडिएशन, चल रहा है उनके लिए आयुर्वेद उपयोगी सहायक साबित हो सकता हैं। मतली, थकान और त्वचा मे जलन जैसे दुष्प्रभावों को आयुर्वेदिक उपचारों से कम किया जा सकता है। त्रिफला जैसे हर्बल फार्मूलेशन पाचन में मदद करते हैं, जबकि शतावरी और ब्राह्मी जैसे पुनर्योजी टानिक ऊर्जा और स्फूर्ति बहाल करने में सहायक होते हैं। व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार तैयार पंचकर्म उपचार शरीर को डिटॉक्सिफाई करने और उपचार से संबंधित तनाव को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि कैंसर देखभाल में आयुर्वेद की भूमिका पर लगातार अध्ययन हो रहा है, यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह आधुनिक चिकित्सा का विकल्प नहीं है, बल्कि यह उसके पूरक के रूप में काम करता है, असंतुलन मूल कारणों को संबोधित करते हुए समग्र स्वास्थ्य को बढावा देता है ।
आधुनिक आन्कोलाजी सटीकता और आयुर्वेद की समग्र दृष्टि का संयोजन कैंसर रोगियों के लिए प्रभावी उपचार और जीवन की गुणवत्ता में सुधार का एक आशाजनक मार्ग प्रदान करता है। जैसे-जैसे समग्र स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ रही है. आयुर्वेद कैंसर के खिलाफ लडाई में अपनी उचित जगह बना रहा है । इसकी समय-परीक्षित ज्ञान प्रणाली और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के सयोंजन से, यह अनगिनत व्यक्तियों को आशा और उपचार प्रदान पर सकता है। इस प्राचीन परंपरा को आधुनिक चिकित्सा के साथ अपनाकर, हम मानवता की सबसे बडी स्वास्थ्य चुनौतियों का अधिक संतुलित और प्रभावी समाधान खोज सकते हैं ।
डॉ. शशांक कुमार चौहान,
(एसोसिएट प्रोफेसर, FIAMS फ्यूचर यूनिवर्सिटी, बरेली, यूपी। भारत।)